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बुधवार, 7 अप्रैल 2021

Holi essay in hindi (होली पर निबंध) - holi ka nibandh


    Holi essay in hindi (होली पर निबंध) - holi par nibandh


    (500 शब्द)

    प्रस्तावना 

    होली हिन्दुओ का एक सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है जो पुरे भारत में और नेपाल में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस त्यौहार पर लोग रंग और पिचकारी की खरीदारी करते है । इस त्यौहार पर बच्चे बहुत ही प्रसन्न रहते है क्योकि वे एक दूसरे पर अपनी पिचकारी से रंग डालते है। इसके आलावा दूसरे देशो में भी इस त्यौहार को काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है । इस त्यौहार बच्चे क्या बड़े भी खूब होली खेलते है। सभी को रंग डालकर बोलते है कि बुरा ना मानो होली है ! हम अपने से बड़ो को रंग लगाकर उनके पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करते है। होली का त्यौहार नयी ऊर्जा लेकर आता है।  
    होली की तैयारी में एक दिन से ज्यादा लग जाता है।  सभी के घरो में पकवान बनाये जाते है। होली पर दही बड़े, गुजिया और गुलाब जामुन बनते है। नये-नये कपड़ो की खरीदारी की जाती है। 



    मनाने का कारण

    यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए मनाया जाता है। बहुत पुरानी बात है कि हिरण्यकश्यप नाम का एक शैतान राजा था। जिसके पुत्र का नाम प्रह्लाद था और हिरण्यकश्यप की एक बहन थी जिसका नाम होलिका था। ऐसा माना जाता है कि शैतान राजा को ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त था कि वह न तो किसी भी आदमी से , न किसी जानवर से  या न ही हथियार से मर सकता था। वह अपने को भगवन मानता था और लोगो से अपनी पूजा करवाता था। इसके बाद सभी लोग उसकी पूजा करने लगे लेकिन प्रह्लाद ने उनकी बात मानने से इंकार कर दिया क्योकि प्रह्लाद भगवन विष्णु के भक्त थे। इससे क्रोधित होकर राजा ने अपने पुत्र को मारने की योजना बनाई।  राजा के कहने पर होलिका प्रह्लाद को आग में लेकर बैठ गयी क्योकि होलिका आग में जल नहीं सकती थी। परन्तु भगवन विष्णु की कृपा से भक्त प्रह्लाद तो आग से बच गया और होलिका आग में जल गयी। बाद में इससे प्रेरित होकर लोगो ने अच्छाई की जीत के रूप में होली का त्यौहार मनाना शुरू कर दिया 




    मनाने के लाभ 

    इस त्यौहार को मानाने से निम्नलिखित लाभ होते है -
    १.  इस त्यौहार पर लोग अपनी पुरानी लड़ाई को भूलकर नई शुरुवात करते है । 
    २. इस त्यौहार पर दुकानदारों और व्यापारियों की बिक्री बढ़ जाती है जिससे उन्हें काफी अधिक मुनाफा हो जाता है। 
    ३. यह त्यौहार रंगों का त्यौहार है। इससे लोगो के बेरंग जीवन में रंग बिखर जाते है।  
    ४. इस त्यौहार पर हम अलग अलग प्रकार के पकवान बनाते है और जीवन में मिठास लाते है। 



    मनाने से हानि

    इस त्यौहार को मानाने से निम्नलिखित हानियाँ होती है -
    १. इस त्यौहार पर लोग रासायनिक रंगो का प्रयोग करते है जिससे स्किन सम्बन्धी बीमारियां जाती है। 
    २. इस त्यौहार पर पानी की बर्बादी होती है।  
    ३. इस त्यौहार पर लोग मदिरा का सेवन करते है और एक दूसरे को गाली देते है जो की सही नहीं है। 
    4. इस त्यौहार पर कुछ लोग कीचड़ डालते है जो की बहुत गन्दा तरीका है I




    उपसंहार 

    होली रंगो का एक त्यौहार है इसे हमें भेद भाव को मिटा कर ही इसे मनाना चाहिए। हमें पानी का इस्तेमाल बहुत कम करना चाहिए और पानी की फिजूल खर्ची को रोकना चाहिये। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए क़ि कुछ लोग दुनिया में ऐसे भी होते है जिनके पास होली मनाने के लिए पैसे नहीं होते हमें उनकी मदद करनी चाहिए। 



                                 

              (400 - 450 शब्द)

    प्रस्तावना 

    हिन्दुओ के चार प्रमुख पर्व है जिनमे होली का विशेष महत्व है। होली रंगो एक ऐसा पर्व जिसमे लोग एक दूसरे को रंग-बिरंगे रंगो से रंग देते है। होली को हर धर्म के लोग बहुत उत्साह और मौज मस्ती के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों का यह त्यौहार सभी को भाईचारे का सन्देश देता है। सभी जाति के लोग इस दिन के अवसर अपने पुराने वाद-विवाद को भूलकर गले लगते हैं और एक-दूसरे को प्यार से गुलाल लगाकर होली का त्यौहार मनाते है। यह त्यौहार बच्चे और युवाओं को विशेष रूप से पसंद है। रंगो की होली से 1 दिन पहले होलिका का दहन करते है इसके पीछे एक पौराणिक मान्यता है।


    मनाने का समय

    होली का पर्व हर वर्ष बसंत ऋतु के आने पर फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। भारत के अलग-अलग स्थानों में रीति-रिवाज के अनुसार भिन्न -भिन्न तरीक़े से होली का त्यौहार मनाया जाता है। होली जैसे वृन्दावन की होली, बरसाने की होली, मथुरा की होली, ब्रज की होली, काशी की प्रसिद्ध है।


     

    मनाने का कारण

    होलिका दहन के बारे एक कहानी जो काफी प्रचलित है  - प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक राक्षस था इसकी बहिन का नाम होलिका था । हिरण्यकश्यप का एक बेटा था । जो विष्णु भगवान की भक्ति करता था तथा हिरण्यकश्यप खुद को भगवान की उपाधि देता था । हिरण्यकश्यप विष्णु भगवन का विरोधी था, इसलिए वह भक्त प्रहलाद को विष्णु भगवान की भक्ति करने से रोकता था । भक्त प्रह्लाद अपने पिता की इस बात को नहीं मानते थे जिसके कारण हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे को मारना चाहा लेकिन वह उस काम में नाकाम रहा। अंत में हिरण्यकश्यप ने अपनी बहिन को यह काम सौपा और उसने इसके लिए हां भर दिया । अपने भाई के कहने पर वह भक्त प्रहलाद को आग में लेकर उसे जलाने के लिए बैठ गई। भक्त प्रहलाद का आग कुछ भी नहीं बिगाड़ पायी जबकि होलिका उस आग में जलकर राख बन गयी इस प्रकार होली हर वर्ष बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए भी मनाई जाती है । एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने इसी दिन गोपियों के साथ रासलीला की थी। इसी वजह से नंद गांव के लोग इस दिन होली रंग और गुलाल के साथ मनाते है।




    उपसंहार 

    अंत में होली का त्यौहार में एक मेल, खुशी, प्रेम, आनंद एवं एकता देखने को मिलती है। इस त्यौहार पर हम सभी को एक साथ मिलकर रहने की प्रतिज्ञा लेनी चाहिए। इस दिन दुशमनी भूलकर सभी को एक साथ हो जाना चाहिए। होली खेलने के लिए केमिकल वाले रंगो का प्रयोग नहीं करना चाहिए इससे त्वचा खराब हो जाती है। हमें गुलाल या फूल पत्तियों के रंगो का प्रयोग करना चाहिए। होली एक प्रेम का त्यौहार है  इसलिए जबरदस्ती किसी पर रंग नहीं डालना चाहिए ।


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