कारक :- वाक्य में प्रयुक्त संज्ञा (sangya ki paribhasha) और सर्वनाम शब्दो के साथ क्रिया का संबंध कारक कहलाता है। |
कारक किसे कहते हैं:- वाक्य में प्रयुक्त संज्ञा और सर्वनाम शब्दो के साथ क्रिया का संबंध कारक कहलाता है।
- जैसे :- राधा खाना खाती है।
- राम ने रावण को मारा।
- हरि स्कूल जाता है।
- श्याम मुरली बजाता है।
Q. कारक कितने प्रकार के होते हैं?
or karak ke bhed कितने प्रकार के होते हैं?
Karak ke bhed - कारक के 8 भेद होते है।
- कर्त्ता कारक - karta karak
- कर्म कारक - karam karak
- करण कारक - karan karak
- सम्प्रदान कारक - sampradan karak
- अपादान कारक - apadan karak
- संबंध कारक - sambandh karak
- अधिकरण कारक - adhikaran karak
- संबोधन कारक - sambodhan karak
क्रम संख्या |
कारक |
चिन्ह |
अर्थ |
उदहारण |
01 |
कर्ता (karta
karak) |
ने |
वाक्य में काम करने वाला व्यक्ति कारक कहलाता । |
·
श्रीपाल चाय पीता है · कौटिल्य ने अपने बच्चों को पीटा। ·
आपके मित्र ने मेरी सहायता की। ·
गुरूजी ने शिष्यों को डांटा। ·
श्याम ने एक पत्र लिखा। ·
महेश ने पपीता खाया। ·
सुधांशु ने रामायण देखी है। ·
विपिन ने हम सबको पानी पिलाया। ·
सूरज ने महाभारत की पुस्तक पढ़ी। ·
प्रवीण ने नॉएडा में जमीन खरीदी। ·
मनीष ने स्नातक की उपाधि प्राप्त की। |
02 |
कर्म (karam
karak) |
को |
वाक्य में जिस पर काम का प्रभाव पड़ता हैं। उसे कर्म कारक कहते हैं । |
·
श्रीपाल ने जतिन को पीटा। ·
रामसिंह ने जतिन को बुलाया। ·
मनवीर ने कर्मवीर को कलम दिया। ·
माँ ने पशुओ को पानी पिलाया। ·
पापा ने गाय को चारा खिलाया। ·
माँ बच्चे को खाना देती है। ·
मेरे चाचा ने कुत्ते को भगाया। ·
अनिल पापा को जानता है। ·
मम्मी विकाश को सजा देती है। ·
सूरज ने सरजू को पुस्तक दिया। |
03 |
करण (karan
karak) |
से , के द्वारा |
जिसके द्वारा कर्ता काम करे उसे करण कारक कहते है। |
·
श्रीपाल ने जतिन को डंडे से मारा। ·
बच्चे गेंद से खेल रहे हैं। ·
पत्र को कलम से लिखा गया है। ·
अध्यापक ने प्रदीप को डंडे से मारा। ·
सुमित ने जानकारी किताबो से प्राप्त की। ·
धर्मेंद्र अपनी साईकिल से जा रहा है। ·
रामू कलम से पत्र लिख रहा है। ·
अरविन्द बस से मुंबई गया। ·
सपना ने एटीएम से पैसे निकाले। |
04 |
सम्प्रदान
(sampradan karak) |
को, के लिए |
जिसके लिए काम किया जाए उसे सम्प्रदान कारक कहते है। |
·
श्रीपाल ने जतिन के लिए पेंसिल खरीदी। ·
श्रीपाल ने भिखारी को दान दिया ·
महेश सीमा के लिए पानी लाया है। ·
शुभाष ने विशाल को किताबें दी। ·
मोहित के लिए खाना लाओ। ·
पापा के लिए दूध लेकर आओ। ·
माता ने अपने बच्चे को दूध पिलाया। ·
विकास ने मानवी को मोबाइल दिया। ·
मैं अपने घर को जा रहा हूँ। ·
सुरेश भाई मेरे लिए मोबाइल लाये है। ·
शुभम भिखारी को पैसे देता है। ·
सीमा हमारे लिए खाना पका रही है।
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05 |
अपादान कारक
(apadan karak) |
से (अलगहोना) |
जहाँ पर अलगाव हो अर्थात जहाँ कोई वस्तु किसी से अलग हो रही हो वहाँ अपादान कारक होता है। |
·
पेड़ से फल टूटा। ·
पेड़ से पत्ता नीचे गिरा। ·
मेरे थैले से पेंसिल गिर गयी। ·
पेड़ से डाली टूटकर नीचे गिर गयी। ·
दूध की गाड़ी से दूध बिखर गया। ·
मुनेश बस से गिर गया। ·
मोहित को गांव से निकाल दिया। ·
बाइक से मोहित नीचे गिर गया।
|
06 |
सम्बन्ध कारक
(sambandh karak) |
का, की, के, रा, री, रे |
जहाँ पदों के बीच मे सम्बन्ध व्यक्त हो वहाँ सम्बन्ध कारक होता है। |
·
यह मेरी बहन हैं। ·
यह मेरे चाचा का लड़का है। ·
वह राहुल का बेटा है। ·
यह जतिन की बहन है। ·
बच्चे का पेट दुःख रहा है। ·
यह विनोद की गाड़ी है। ·
यह संजय का चाचा है। ·
जलालपुर जतिन का गाँव है। ·
यह गाडी मेरे पापा की है। ·
यह राम की बाइक है। ·
यह सचिन का बल्ला है। ·
ये पुलिस की गाड़ी है।
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07 |
अधिकरण कारक
(adhikaran karak) |
में, पर, पे, ऊपर, नीचें, अंदर, बीच बाहर, |
शब्द के जिस रूप में क्रिया के आधार का बोध हो उसे अधिकरण कारक कहते है। |
·
श्रीपाल कमरे में है। ·
चाय मेज़ पर रखी है। ·
बिल्ली मेज के नीचे है। ·
मछली पानी में जीवित रहती है। ·
राज्य में दीपक जल रहे है। ·
घर में रहना सुरक्षित माना जाता है। ·
मेरे शरीर में बहुत कम शक्ति है। ·
वह रोज़ गंगा किनारे जाता है। ·
मेरा गांव पहाड़ो के बीच में है। ·
मेज आँगन के बीच में दाल दो। ·
जतिन घर के अंदर है। ·
शेर पिंजरे के अंदर कैद है। ·
रामसिंह का जन्म गुजरात में हुआ था। ·
अलमारी में कपड़े रखे हुए है। ·
डाकू पानसिंह तोमर मुठभेड़ में मारा गया। ·
राजू के पापा जेल में है।
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08 |
संबोधन कारक
(sambodhan karak) |
हे !, ओ !, अरे ! |
जहाँ किसी को बुलाने , या पुकारने का भाव हो वहाँ संबोधन कारक होता है। |
·
अरे ! श्रीपाल कहा जा रहे हो। ·
अरे मित्र ! आप यहां कैसे ? ·
अजी ! आप घर में हो क्या ? ·
अरे राम ! बहुत दुःख की बात है। ·
अरे भाई ! तुम तो दिखाई नहीं देते हो। ·
अरे बच्चों! आवाज मत करो। ·
हे ईश्वर! हम सभी की इस महामारी से रक्षा करना। ·
अरे! आपका बेटा इतना बड़ा हो गया। ·
हे अर्जुन ! तुम अवश्य ही विजय प्राप्त करोगे। · हे भगवान ! इन नादानो को माफ़ कर देना । · अरे महक प्रजापति ! तुम यहां कैसे ? · अजी ! सुनते हो क्या। · अरे राम! उनके साथ बहुत बुरा हुआ । · अरे यार ! तुम तो बहुत दिनों बाद हमारे घर आये हो। · अरे भाई ! आवाज मत करो। · हे ईश्वर! हम सभी नादानो की रक्षा करना। · अरे यार! आप इतने बड़े हो गये। |
Nice
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