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रविवार, 26 जुलाई 2020

कारक किसे कहते हैं (karak kise kahate hain), कारक के भेद , कारक के चिन्ह, कारक के उदाहरण - Hindi Grammar - Karak in hindi

कारक किसे कहते हैं - karak kise kahate hain

कारक :- वाक्य में प्रयुक्त संज्ञा (sangya ki paribhasha) और सर्वनाम शब्दो के साथ क्रिया का संबंध कारक कहलाता है।



कारक किसे कहते हैं
:- वाक्य में प्रयुक्त संज्ञा और सर्वनाम शब्दो के साथ क्रिया का संबंध कारक कहलाता है।


  1.  जैसे :- राधा खाना खाती है।
  2.  राम ने रावण को मारा।
  3.  हरि स्कूल जाता है।
  4.  श्याम मुरली बजाता है।


Q. कारक कितने प्रकार के होते हैं?

 or karak ke bhed कितने प्रकार के होते हैं?


     Karak ke bhed - कारक के 8 भेद होते है।

  1. कर्त्ता कारक - karta karak
  2. कर्म कारक - karam karak
  3. करण कारक - karan karak
  4. सम्प्रदान कारक - sampradan karak
  5. अपादान कारक - apadan karak
  6. संबंध कारक - sambandh karak
  7. अधिकरण कारक - adhikaran karak
  8. संबोधन कारक - sambodhan karak

 

क्रम संख्या

कारक

चिन्ह

अर्थ

उदहारण

 

01

 

कर्ता (karta karak)

 

ने

 

वाक्य में काम करने वाला व्यक्ति कारक कहलाता  

·         श्रीपाल चाय पीता है

·   कौटिल्य ने अपने बच्चों को पीटा।

·         आपके मित्र ने मेरी सहायता की।

·         गुरूजी ने शिष्यों को डांटा।

·         श्याम ने एक पत्र लिखा।

·         महेश ने पपीता खाया।

·         सुधांशु ने रामायण देखी है।

·         विपिन ने हम सबको पानी पिलाया।

·         सूरज ने महाभारत की पुस्तक पढ़ी।

·         प्रवीण ने नॉएडा में जमीन खरीदी।

·         मनीष ने स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

02

कर्म (karam karak)

को

वाक्य में जिस पर काम का प्रभाव पड़ता हैं। उसे कर्म कारक कहते हैं 

·         श्रीपाल ने जतिन को पीटा।

·         रामसिंह ने जतिन को बुलाया।

·         मनवीर ने कर्मवीर को कलम दिया।

·         माँ ने पशुओ को पानी पिलाया।

·         पापा ने गाय को चारा खिलाया।

·         माँ बच्चे को खाना देती है।

·         मेरे चाचा ने कुत्ते को भगाया।

·         अनिल पापा को जानता है।

·         मम्मी विकाश को सजा देती है।

·         सूरज ने सरजू को पुस्तक दिया।

03

करण (karan karak)

से , के द्वारा 

जिसके द्वारा कर्ता काम करे उसे करण कारक कहते है

·         श्रीपाल ने जतिन को डंडे से मारा।

·         बच्चे गेंद से खेल रहे हैं।

·         पत्र को कलम से लिखा गया है।

·         अध्यापक ने प्रदीप को डंडे से मारा।

·         सुमित ने जानकारी किताबो से प्राप्त की।

·         धर्मेंद्र अपनी साईकिल से जा रहा है।

·         रामू कलम से पत्र लिख रहा है।

·         अरविन्द बस से मुंबई गया।

·         सपना ने एटीएम से पैसे निकाले।

04

सम्प्रदान (sampradan karak)

को, के लिए

जिसके लिए काम किया जाए उसे सम्प्रदान कारक कहते है।

·         श्रीपाल ने जतिन के लिए पेंसिल खरीदी। 

·         श्रीपाल ने भिखारी को दान दिया

·         महेश सीमा के लिए पानी लाया है।

·         शुभाष ने विशाल को किताबें दी।

·         मोहित के लिए खाना लाओ।

·         पापा के लिए दूध लेकर आओ।

·         माता ने अपने बच्चे को दूध पिलाया।

·         विकास ने मानवी को मोबाइल दिया।

·         मैं अपने घर को जा रहा हूँ।

·         सुरेश भाई मेरे लिए मोबाइल लाये है।

·         शुभम भिखारी को पैसे देता है।

·         सीमा हमारे लिए खाना पका रही है।

 

 

05

अपादान कारक (apadan karak)

से (अलगहोना)

जहाँ पर अलगाव हो अर्थात जहाँ कोई वस्तु किसी से अलग हो रही हो वहाँ अपादान कारक होता है।

·         पेड़ से फल टूटा। 

·         पेड़ से पत्ता नीचे गिरा।

·         मेरे थैले से पेंसिल गिर गयी।

·         पेड़ से डाली टूटकर नीचे गिर गयी।

·         दूध की गाड़ी से दूध बिखर गया।

·         मुनेश बस से गिर गया।

·         मोहित को गांव से निकाल दिया।

·         बाइक से मोहित नीचे गिर गया।

 

06

सम्बन्ध कारक (sambandh karak)

का, की, के, रा, री, रे 

जहाँ पदों के बीच मे सम्बन्ध व्यक्त हो वहाँ सम्बन्ध कारक होता है। 

·         यह मेरी बहन हैं। 

·         यह मेरे चाचा का लड़का है।

·         वह राहुल का बेटा है।

·         यह जतिन की बहन है।

·         बच्चे का पेट दुःख रहा है।

·         यह विनोद की गाड़ी है।

·         यह संजय का चाचा है।

·         जलालपुर जतिन का गाँव है।

·         यह गाडी मेरे पापा की है।

·         यह राम की बाइक है।

·         यह सचिन का बल्ला है।

·         ये पुलिस की गाड़ी है।

 

07

अधिकरण कारक (adhikaran karak)

में, पर, पे, ऊपर, नीचें, अंदर, बीच बाहर,

शब्द के जिस रूप में क्रिया के आधार का बोध हो उसे अधिकरण कारक कहते है। 

·         श्रीपाल कमरे में है। 

·         चाय मेज़ पर रखी है। 

·         बिल्ली मेज के नीचे है।

·         मछली पानी में जीवित रहती है।

·         राज्य में दीपक जल रहे है।

·         घर में रहना सुरक्षित माना जाता है।

·         मेरे शरीर में बहुत कम शक्ति है।

·         वह रोज़ गंगा किनारे जाता है।

·         मेरा गांव पहाड़ो के बीच में है।

·         मेज आँगन के बीच में दाल दो।

·         जतिन घर के अंदर है।

·         शेर पिंजरे के अंदर कैद है।

·         रामसिंह का जन्म गुजरात में हुआ था।

·         अलमारी में कपड़े रखे हुए है।

·         डाकू पानसिंह तोमर मुठभेड़ में मारा गया।

·         राजू के पापा जेल में है।

 

08

संबोधन कारक (sambodhan karak)

हे !, !, अरे !

जहाँ किसी को बुलाने , या पुकारने का  भाव हो वहाँ संबोधन कारक होता है।

·         अरे ! श्रीपाल कहा जा रहे हो।

·         अरे मित्र  ! आप यहां कैसे ?

·         अजी ! आप घर में हो क्या ?

·         अरे राम ! बहुत दुःख की बात है

·         अरे भाई ! तुम तो दिखाई नहीं देते हो।

·         अरे बच्चों! आवाज मत करो।

·         हे ईश्वर! हम सभी की इस महामारी से रक्षा करना।

·         अरे! आपका बेटा इतना बड़ा हो गया।

·         हे अर्जुन ! तुम अवश्य ही विजय प्राप्त करोगे।

·         हे भगवान ! इन नादानो को माफ़ कर देना

·         अरे महक प्रजापति ! तुम यहां कैसे ?

·         अजी ! सुनते हो क्या।

·         अरे राम! उनके साथ बहुत बुरा हुआ

·         अरे यार ! तुम तो बहुत दिनों बाद हमारे घर आये हो।

·         अरे भाई ! आवाज मत करो।

·         हे ईश्वर! हम सभी नादानो की रक्षा करना।

·         अरे यार! आप इतने बड़े हो गये।


 

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